भारत-पाकिस्तान तनाव कम करने में कितनी अहम हो सकती है रूस की भूमिका?
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फ़ोन पर बातचीत कर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले की निंदा की है.
विदेश मंत्रालय ने एक्स पर एक पोस्ट में इसकी जानकारी दी.
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए चरमपंथी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी.
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "राष्ट्रपति पुतिन ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में भारत को समर्थन देने की बात भी कही है."
दोनों नेताओं के बीच और क्या बात हुई?
क्रेमलिन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बातचीत में इस बात पर ज़ोर दिया गया कि रूस और भारत के संबंध बेहद ख़ास हैं और ये संबंध किसी भी बाहरी चीजों से प्रभावित नहीं होंगे.
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन और रूस के लोगों को विक्ट्री डे की शुभकामनाएं दी हैं.
पीएम मोदी ने पुतिन को इस साल के अंत में भारत में होने वाले सालाना द्विपक्षीय बातचीत में आने का न्योता दिया, जिसे पुतिन ने स्वीकार कर लिया.
रूस ने भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव को लेकर दोनों ही देशों के नेताओं से बातचीत की है.
रूस के विदेश मंत्रालय ने चार मई को एक बयान जारी किया था, ये बयान रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और पाकिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद इशहाक़ डार के बीच हुई बातचीत से जुड़ा था.
इसमें कहा गया कि रूसी पक्ष ने इस बात पर ज़ोर दिया कि अगर भारत-पाकिस्तान चाहें तो वो पहलगाम हमले के बाद पैदा हुई स्थिति के राजनीतिक समाधान में योगदान के लिए तैयार है.
इससे पहले चार मई को लावरोव और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच भी फ़ोन पर बातचीत हुई थी. बयान में कहा गया, "सर्गेई लावरोव ने 1972 के शिमला समझौते और 1999 के लाहौर घोषणा पत्र के अनुरूप द्विपक्षीय आधार पर राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेदों को सुलझाने का आह्वान किया."
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