नई भाभी का रहस्य (एक मोहल्ले की कहानी), New Bhabhi Secret Story
हमारे मोहल्ले की गली नंबर चार एकदम आम थी — बच्चे खेलते, बुज़ुर्ग बातें करते और औरतें छतों से सब देखती थीं। लेकिन उस दिन सब कुछ बदल गया जब शर्मा जी के पुराने किराएदार की जगह एक नया परिवार आया — एक नौजवान आदमी और उसकी पत्नी।
पहली बार जब वह भाभी मोहल्ले में दिखीं, तो जैसे सबकी साँसें थम गईं। लंबी, गोरी, घने बाल और बड़ी-बड़ी आंखों वाली वो महिला साड़ी में किसी फिल्मी हीरोइन से कम नहीं लग रही थीं। उनके आने के बाद जैसे मोहल्ले की रौनक ही बदल गई।
उनका नाम था स्वरा भाभी।
भाभी रोज़ सुबह अपने बाल खुले छोड़कर मंदिर जातीं। उनके कदमों की आहट से ही गली के लड़कों की नजरें खिड़कियों से झाँकने लगतीं। मोहल्ले की औरतें उन्हें देखकर जलने लगी थीं और पुरुषों के बीच वे चर्चा का विषय बन गई थीं।
मैं, राज, उस वक्त 22 साल का कॉलेज स्टूडेंट था। मैं चुपचाप सब देखता और समझता। लेकिन मुझे भाभी में सिर्फ उनकी खूबसूरती नहीं, कुछ रहस्यमयी बात भी लगती थी — जैसे वो कुछ छुपा रही हों।
एक दिन शाम को बारिश हो रही थी। मैं छत पर खड़ा था और अचानक देखा कि भाभी छत पर आईं और भीगते हुए एक गमले को खिसकाने लगीं। उनका पाँव फिसला और वो गिर पड़ीं। मैं दौड़कर नीचे गया और मदद के लिए गया।
“राज! तुम?” उन्होंने चौंकते हुए कहा।
“भाभी, आपको चोट तो नहीं लगी?” मैंने पूछा।
वो थोड़ी देर चुप रहीं, फिर धीरे से बोलीं, “नहीं, सब ठीक है। लेकिन किसी से कहना मत कि मैं गिर गई थी। सब बातें बनाएंगे।”
मैंने वादा किया, लेकिन उस दिन के बाद से भाभी और मैं अजनबी नहीं रहे।
अब वो अक्सर मुझे बुलाकर चाय पिलातीं, किताबें देतीं और अपने पुराने शहर के किस्से सुनातीं — लेकिन हमेशा अधूरी बातें। जैसे वो कुछ कहना चाहती थीं लेकिन कह नहीं पाती थीं।
एक दिन उन्होंने अचानक पूछा, “राज, अगर कोई अपना शहर, दोस्त और पहचान छोड़कर आए… तो क्या उसे भूल पाना आसान होता है?”
मैंने कहा, “शायद नहीं, लेकिन कुछ छुपाने से भी हल नहीं निकलता।”
उस दिन उनकी आँखों में आँसू थे, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा।
फिर एक दिन भाभी अचानक गायब हो गईं। सुबह-सुबह घर खाली था। कोई भी नहीं जानता था कि वे कहाँ गईं। उनके पति भी एक नोट छोड़कर चले गए:
“हम दोनों अपनी जिंदगी में शांति चाहते हैं। माफ करना, मोहल्ले की उलझनों से थक गए हैं।”
कुछ महीने बाद पता चला कि स्वरा भाभी एक बार घरेलू हिंसा का शिकार हो चुकी थीं और उनके पति उन्हें लेकर मुंबई चले गए थे ताकि नई जिंदगी शुरू कर सकें।
मोहल्ले में कई अफवाहें फैलीं — किसी ने कहा वो एक्ट्रेस बनना चाहती थीं, किसी ने कहा उनका किसी से चक्कर था। लेकिन मैं जानता था, भाभी जो थीं, वैसी कोई और नहीं थी — सुंदर, रहस्यमयी, लेकिन टूटी हुई आत्मा के साथ।
आज भी जब बारिश होती है, मुझे वह शाम याद आती है — जब एक हॉट दिखने वाली भाभी की आँखों में दर्द दिखा था, जिसे शायद कोई नहीं समझ पाया... सिवाय मेरे।
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अगर आप चाहें तो मैं इस कहानी को अगली कड़ी में भी बढ़ा सकता हूँ, जिसमें राज और स्वरा भाभी की मुलाकात सालों बाद होती है। क्या आप उसका पार्ट-2 चाहते हैं?
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