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राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल हुआ पास, पक्ष में 117 वोट तो विपक्ष में 92 वोट पड़े
राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल हुआ पास, पक्ष में 117 वोट तो विपक्ष में 92 वोट पड़े
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नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। केंद्र सरकार (Central govt) ने सोमवार को लोकसभा से नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) पास करा लिया। इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने आज राज्यसभा में सवालों का जवाब दे दिया है।अब उसके बाद वोटिंग की प्रक्रिया खत्म हो गई है। इस बिल के पक्ष में 117 वोट पड़े तो विरोध में 92 वोट ही पड़े। इस बिल को सेलेक्ट कमेटी में नहीं भेजा जाएगा। सेलेक्ट कमेटी को भेजने के खिलाफ 124 वोट पड़े साथ ही इस बिल को सेलेक्ट बिल को भेजने के समर्थन में 99 वोट पड़े। इससे पहले 9 दिसंबर को लोकसभा में बिल के समर्थन में 311 वोट, जबकि 80 वोट बिल के विरोध में डाले गए।
इस बीच शिवसेना सांसदों ने सदन से वॉकआउट किया। शिवसेना के 3 राज्यसभा में सांसद है। जबकि तृणमूल पार्टी के 13 राज्यसभा सांसद है। नागरिकता संशोधन बिल के14 प्रस्ताव भी दिये गए। तृणमूल सांसद के संशोधन प्रस्ताव को सदन ने खारिज कर दिया है। इस संशोधित प्रस्ताव के विरोध में 124 वोट पड़े। जबकि तृणमूल के समर्थन में 98 वोट पड़े। इसके साथ ही तृणमूल सांसद का प्रस्ताव गिर गया है। जो मोदी सरकार के लिये बड़ी राहत है।
इससे पहले गृह मंत्री ने अमित शाह ने कहा कि अगर बंटवारा नहीं हुआ होता तो यह बिल की आवश्यकता ही नहीं होती। उन्होंने कहा कि कभी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी कहा था कि अगर पाकिस्तान गए हिंदू और सिख वापस भारत आना चाहें तो उसे देश में स्वागत किया जाना चाहिये।
गृह मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान में दलितों के साथ अत्याचार हुआ है। गृह मंत्री ने कहा कि आज पाकिस्तान के 418 मंदिरों में से महज 20 मंदिर ही बचा है। गृह मंत्री ने कहा कि बामियान में बुद्ध की मूर्ति को तोप से उड़ाकर गिरा दिया गया। पाकिस्तान में ईसाईयों को भी प्रताड़ित किया गया है। उन्होंने कहा कि करोड़ो लोगों के जीवन में नया सवेरा आएगा। गृह मंत्री ने कहा कि अगर नेहरु लियाकत खां के समझौते को लागू किया गया होता तो इस बिल की जरुरत ही नहीं होती।
उन्होंने कांग्रेस को यह बिल बहुत पहले लाना चाहिये था। गृह मंत्री ने आश्चर्य प्रकट किया कि आखिर कैसे पाकिस्तान और कांग्रेस के सुर एक समान होते है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने धारा 370 का भी विरोध किया था और पाकिस्तान ने भी विरोध किया था। उन्होंने कहा कि शत्रु संपत्ति बिल का भी कांग्रेस ने विरोध किया था। जो मन में कई सवाल खड़े करते है। पिछले 5 साल में 566 मुसलमानों को भारत की नागरिकता मोदी सरकार ने दी है। गृह मंत्री ने कहा मुसलमान भी नागरिकता के लिये apply कर सकते है।
अमित शाह ने यह भी कहा कि पाकिस्तान,अफगानिस्तान और बांग्लादेश एक इस्मामिक स्टेट है इसलिये वहां रह रहे अल्पसंख्यकों को यह बिल में जगह दिया गया है।
अमित शाह ने यह भी कहा कि पाकिस्तान,अफगानिस्तान और बांग्लादेश एक इस्मामिक स्टेट है इसलिये वहां रह रहे अल्पसंख्यकों को यह बिल में जगह दिया गया है।
गृह मंत्री के ऐसा कहने से सदन में हंगामा शुरु हो गया है। असम की भाषा, संस्कृति की मोदी सरकार रक्षा करेगी। असम में क्लॉज 6 के लिये कमेटी बनाई जाएगी। पू्र्वोत्तर के राज्यों को भरोसा देता हूं कि धारा 371 में छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।
गृह मंत्री ने कहा कि यह बिल नागरिकता देने का है जबकि ऐसा प्रचारित किया जा रहा है कि मुसलमानों का नागरिकता लेने का प्रयास किया जा रहा है। जो बहुत गलत है। उन्होंने कांग्रेस पर मुसलमानों में भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है। गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस सांसद चिदंबरम और कपिल सिब्बल कोर्ट का डर दिखा रहे है कि वहां यह मामला उलझ जाएगा। जो बिल्कुल सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि 3 देशों का सीमा भारत से जुड़ता है इसलिये अभी इन देशों के अल्पसंख्यकों को नागरिकता बिल का फायदा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब तमिल की चिंता करेंगे तो उस समय भी विचार करेंगे।
गृह मंत्री ने शिवसेना पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि लोग सत्ता के लिये कैसे-कैसे रंग बदलते है। उन्होंने कहा कि कभी यह नहीं कहा कि जो विरोध करते है वो देशद्रोही हो जाते है। गृह मंत्री ने पूछा कि अगर जिन्ना ने देश का बंटवारा धर्म के आधार पर मांग की तो कांग्रेस ने क्यों समर्थन किया। जिस पर कांग्रेस के सांसदों ने हंगामा किया है।
अमित शाह ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि जब मुसलमान अगर देश में आएंगे तो तभी देश धर्मनिरपेक्ष कहा जाएगा। उन्होंने कांग्रेस के सोच पर ही सवाल उठाया है। उन्होंने भरोसा दिया कि देश को मुसलमानों को डरने की कोई जरुरत नहीं है। यह भ्रम जानबूझकर फैलाया जा रहा है। जिसकी हम निंदा करते है। गृह मंत्री ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार ने 2 धर्मों के 13,000 लोगों को नागरिकता दी थी।
आज सुबह इस बिल को राज्यसभा के पटल पर चर्चा के लिये रखा गया था। लोकसभा में हताश हुए विपक्ष ने राज्यसभा में सीएबी के कड़े विरोध की तैयारी कर ली है और जोरदार बहस के लिए तैयार है, तो वहीं बीजेपी भी हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है। कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने मोदी सरकार के फैसले पर सवाल उठाया है।
इस बीच शिवसेना ने घोषणा किया है कि वो राज्यसभा में वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेगी। मोदी सरकार को तब बड़ी राहत मिली जब उड़ीसा से बीजेडी ने इस बिल का समर्थन करने की घोषणा की है।
आप सांसद ने बिल का किया विरोध
उधर आप सांसद संजय सिंह ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि यह बिल असल में संविधान के ही खिलाफ है। उन्होंने कहा कि आज भारत को बांटने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि आप पार्टी इस बिल का पुरजोर विरोध करती है। इस बिल से गांधी की आत्मा को चोट पहुंचाई गई है।
कांग्रेस ने कहा- संविधान का है उल्लंघन
कपिल सिब्बल ने बहस में हिस्सा लेते हुए कहा कि मोदी सरकार मुद्दों से भटक गई है। देश के सामने अनेक चुनौतियां है जिसे दूर करने की आवश्यकता है। लेकिन मोदी सरकार कभी NRC तो कभी CAB लेकर चली आती है। उन्होंने कहा कि देश के संविधान का धज्जियां उड़ाया जा रहा है।
इस समय राज्य सभा में नागरिकता संसोधन बिल पर जोरदार बहस जारी है...
मुख्य बिंदु:-
- बीजेडी ने किया बिल का समर्थन
- शिवसेना नहीं लेगी वोटिंग में हिस्सा
- आप पार्टी ने बिल का किया विरोध
- नागरिकता संसोधन बिल राज्यसभा में हुआ पेश
- टीेएमसी ने किया नागरिकता संसोधन बिल का विरोध
- बिल से करोड़ो लोगों को आशा- अमित शाह
- बिल देगा यातना से मुक्ति- अमित शाह
- पाकिस्तान में 20 फिसदी अल्पसंख्यक कहां गए- अमित शाह
- मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बिल नहीं- अमित शाह
- पाकिस्तानी, अफगानिस्तानी और बांग्लादेशी मुस्लिमों को नागरिकता कैसे दे दें- अमित शाह
- मुसलमान समुदाय के खिलाफ नहीं है नागरिकता विधेयक-अमित शाह
- विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हूं- अमित शाह
- असम के हितों की पूरी रक्षा करेगी बीजेपी सरकार- अमित शाह
- बिल पर बहस के लिए 6 घंटे का समय निर्धारित
- 2016 और आज के बिल में काफी अंतर है- आनंद शर्मा
- बिल को लेकर सरकार बहुत जल्द में क्यों है?- आनंद शर्मा
- सरकार बिल को अगले सत्र में कयों नहीं लाई- आनंद शर्मा
- बिल लोकतंत्र के खिलाफ, संविधान पर हमला है- आनंद शर्मा
- पाकिस्तान से आए दो लोग प्रधानमंत्री बने- आनंद शर्मा
- ये बिल संविधान निर्माताओं पर सवाल उठाता है- आनंद शर्मा
- दो देशों की थ्योरी कांग्रेस नहीं लाई- आनंद शर्मा
- दो देशों की थ्योरी 1937 में सावरकर ने दी- आनंद शर्मा
- हिंदू महासभा की बैठक में दो नेशन थ्योरी का जिक्र- आनंद शर्मा
- नागरिकता पर धर्म को आधार नहीं बनाया- कांग्रेस
- संविधान की परीक्षा में बीजेपी का बिल फेल- कांग्रेस
- नया इतिहास लिखने की कोशिश न करें- कांग्रेस
- किसी भी दल का घोषणा पत्र संविधान से बड़ा नहीं-कांग्रेस
- राजनीति से ऊपर उठकर बात करें- कांग्रेस
- क्या पूरे देश को डिटेंशन सेंटर बना देंगे? कांग्रेस
- एनआरसी को लेकर असम जल रहा है- कांग्रेस
- सरकार के इस प्रयास से असम में असुरक्षा का भाव क्यों- कांग्रेस
- बिल पर लगातार बहस जारी...
- अन्याय और भय के माहौल में जी रहे लोगों के सम्मान से जीने की उम्मीद है ये बिल- जेपी नड्डा
- बिल का उद्देश्य प्रताड़ित लोगों को अधिकार देना- जेपी नड्डा
- धर्म के आधार पर देश का विभाजन- जेपी नड्डा
- भारत के मुसलमानों की जनसंख्या तेजी से बड़ी- जेपी नड्डा
- पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की जनसंख्या में तेजी से गिरावट आ रही है-जेपी नड्डा
- भारत में मुसलमानों को बराबरी के अधिकार- बीजेपी
- विपक्ष मामले को समझना नहीं चाहता -बीजेपी
- राजनीति का हित छोड़ो देश का हित देखो- बीजेपी
- ये बिल देश की जरूरत है- बीजेपी
अमित शाह का पलटवार...
- असम के हितों की चिंता की जाएगी- अमित शाह
- ये मुसलमानों के खिलाफ नहीं है-अमित शाह
- मुस्लिम देश के नागरिक थे हैं और हमेशा रहेंगे- अमित शाह
- पहले की सरकार इस पर नजर बनाए रखती तो आज हमें ये बिल नहीं लाना पड़ता -अमित शाह
- धर्म के आधार पर बंटवारा न होता तो ये बिल नहीं लाना पड़ता -अमित शाह
नागरिकता बिल पर हो रही लगातार बहस के कारण राज्यसभा में लंच ब्रेक स्थगित।
There will be no lunch break today in Rajya Sabha, as debate on #CitizenshipAmendmentBill is underway
राज्यसभामें बिल पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने अपनी बात रखते हुए कहा, मुसलमान समुदाय के खिलाफ नहीं है नागरिकता विधेयक। भारत के किसी भी मुस्लिम को इस विधेयक के कारण चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। अगर कोई आपको डराने की कोशिश करे तो डरे नहीं। मोदी सरकार संविधान के अनुसार काम कर रही है, अल्पसंख्यकों को पूरी सुरक्षा मिलेगी।